गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के महिला सैल के सौजन्य से ‘स्तन कैंसर क

*गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के महिला सैल के सौजन्य से ‘स्तन कैंसर की रोकथाम’ विषय पर गुरुवार को एक सफल स्वास्थ्य वार्ता का आयोजन*
हिसार; 27 अक्टूबर, 2023 (लेखनी के लिए रिपोर्ट पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई द्वारा)

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के महिला सैल के सौजन्य से *स्तन कैंसर की रोकथाम* विषय पर गुरुवार को एक सफल स्वास्थ्य वार्ता का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र की शुरुआत विद्यादात्री मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्ज्वलन और विश्वविद्यालय गान के साथ हुई। 
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार की प्रथम महिला डॉ. (श्रीमती) वन्दना बिश्नोई ने एक अत्यंत प्रासंगिक विषय पर वार्ता के आयोजन के लिए महिला सैल को घणी घणी बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह वार्ता विद्यार्थियों, शिक्षकों और परिसर के सभी निवासियों के बीच स्तन कैंसर के कारणों और रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाएगी। उन्होंने आगे कहा कि स्तन कैंसर की घटना न केवल वयस्क महिलाओं में बल्कि आजकल तो युवा लड़कियों और महिलाओं में भी तेजी से बढ़ रही है।
 डॉ. (श्रीमती) वन्दना बिश्नोई ने घोषणा की कि 23नवम्बर 2023 को गुजवि कर्मचारियों, उनके आश्रितों अर विद्यार्थियों छात्रों के लिए पैप स्मीयर और सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण हेतु विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा एक शिविर का आयोजन किया जाएगा। पैप स्मीयर टीकाकरण नि:शुल्क लगाया जाएगा और यह सर्वाइकल कैंसर का टीकाकरण रियायती दरों पर प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर सर्वेश हेल्थ सिटी, हिसार में सीनियर कंसल्टेंट ब्रेस्ट ऑनकोलॉजिस्ट डॉ सुजाता सिंगला अग्रवाल ने बताया कि स्तन कैंसर ने भारतीय महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की जगह ले ली है और महिलाओं को प्रभावित करने वाले कैंसर में यह पहले नंबर पर है। उन्होंने स्तन कैंसर के जोखिम कारकों, रोकथाम के उपाय और रोकथाम के उपायों में प्रगति के बारे में विस्तार से चर्चा की। डॉ. सिंगला ने बताया कि स्तन कैंसर से जुड़े जोखिम कारक जैसे आनुवंशिक कारक बेकाबू हैं, जबकि अन्य जोखिम कारकों को स्वस्थ आहार योजना, नियमित व्यायाम तथा वजन नियंत्रण के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। मौखिक गर्भनिरोधक गोलियां डॉक्टर के परामर्श से ही लेनी चाहिए। उचित स्तनपान और 30 वर्ष की आयु से पहले बच्चे का जन्म स्तन कैंसर के लिए एक और सुरक्षात्मक कारक है। उन्होंने प्रतिभागियों को समय-समय पर स्व-स्तन परीक्षण, नैदानिक स्तन परीक्षण और मैमोग्राफी अल्ट्रासाउंड जैसी जांच की आवश्यकता के बारे में विस्तार से समझाया।
इसके साथ साथ सर्वोदय अस्पताल सेक्टर 14, हिसार में वरिष्ठ सलाहकार (रेडिएशन ऑनकोलॉजिस्ट) डॉ. सुमित ने बढ़ते कैंसर के मामलों और संबंधित उच्च मृत्यु दर को गहरी चिंता का विषय बताया। कैंसर जागरूकता कार्यक्रम/वार्ता वर्तमान में अति आवश्यक और समय की मांग भी है। भारत में बड़ी संख्या में कैंसर के मामले निरंतर  बढ़ रहे हैं और  दिन प्रतिदिन यह संख्या बढ़ती ही जा रही है। प्रमुख चिंता न केवल उच्च घटना (नए मामले) है, बल्कि विकसित देशों की तुलना में मृत्यु दर का उच्च प्रतिशत भी  है, जिसका अर्थ है कि बड़ी संख्या में कैंसर रोगियों का प्रारंभिक चरण में निदान नहीं किया जाना ही है। कैंसर के उपचार की सफलता में प्रमुख बाधाएं उपचार के अवैज्ञानिक और वैकल्पिक तरीकों पर उनका विश्वास, कैंसर के उपचार से संबंधित मिथक, स्क्रीनिंग कार्यक्रमों के लिए सरकार केंद्रित दृष्टिकोण की कमी आदि हैं। ये सब अंतत: कैंसर के उन्नत चरणों में प्रस्तुति की ओर ले जाती हैं, जिससे अंतत: कम इलाज हो पाता है।
अंत में, डॉ. अग्रवाल ने कहा कि कैंसर मुक्त समाज के लिए खाद्य श्रृंखला में हानिकारक रसायनों की सख्त रोकथाम, कीटनाशकों का कम उपयोग, धूम्रपान से हरहाल में परहेज और स्वस्थ जीवन शैली अपनाना, अनिवार्य सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन सहित सरकारी दिशा निर्देश की कड़ाई आदि की आवश्यकता है।
सर्वेश हेल्थ सिटी में सलाहकार ओबीएस और गाइनेकोलॉजिस्ट, हिसार डॉ. ज्योत्सना ने बताया कि भारतीय महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसर में से एक सर्वाइकल कैंसर है। उन्होंने कहा कि यह एकमात्र कैंसर है जिसे एचपीवी वैक्सीन द्वारा 70-80 प्रतिशत तक रोका जा सकता है। इसके अलावा व्यक्ति को डॉक्टर के पास नियमित जांच के लिए जाना चाहिए और 21 साल के बाद 65 साल की उम्र तक हर तीन साल में सर्वाइकल स्क्रीनिंग टेस्ट (पैप स्मीयर) कराना चाहिए। उन्होंने प्रतिभागियों को आगे बताया कि सर्वाइकल कैंसर का टीका 9 से 45 वर्ष की लड़कियों और महिलाओं को दिया जा सकता है।
महिला सैल की अध्यक्षा प्रो. दीपा मंगला ने स्वागत सम्बोधन किया तथा उपस्थित प्रतिभागियों को बताया कि स्तन कैंसर की घटनाएं सर्वाइकल कैंसर को पीछे छोड़कर भारतीय महिलाओं में सबसे आम कैंसर बन गई है। उन्होंने समस्या की गंभीरता को देखते हुए यह महसूस किया कि अक्तूबर माह जिसको स्तन कैंसर जागरूकता माह भी कहा जाता है, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के कारणों, निदान एवं रोकथाम तथा स्क्रीनिंग कार्यक्रमों के बारे में गुजवि परिवार में जागरूकता फैलाने के लिए एक कदम आगे बढ़ाने का यही सही समय है। विश्वविद्यालय की महिला सैल ने अमेरिकन ऑन्कोलॉजी इंस्टीट्यूट, सर्वोदय मल्टीस्पेशलिटी तथा कैंसर इंस्टीट्यूट हिसार के सहयोग से स्तन कैंसर के रोकथाम पर स्वास्थ्य वार्ता का आयोजन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंजलि गुप्ता ने किया तथा कार्यक्रम का समापन डॉ. तरूणा गेरा, सदस्य महिला सेल, गुजवि, हिसार के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।
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*कवि पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई* 
राष्ट्रीय सचिव, जेएसए, बीकानेर,
प्रैस प्रभारी (राष्ट्रीय) अखिल भारतीय जीवरक्षा बिश्नोई सभा, अबोहर जिला-फाजिल्का (पंजाब)
वरिष्ठ लेखक, वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार, 
पूर्व सरपंच-सीसवाल, हॉउस नं. 313, 
सेक्टर 14 (श्री ओ३म विष्णु निवास) हिसार
(हरियाणा)-125001 भारत
फोन नंबर-9518139200,
व्हाट्सएप-9467694029

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1 Comments

Varsha_Upadhyay

05-Nov-2023 09:57 PM

Nice 👍🏼

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